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August 2023 Ekadashi kab hai ? एकादशी को चावल क्यों नहीं खाने चाहिए ? यहाँ जानें…

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परमा एकादशी 2023 कब है?

एकादशी हर माह का एक महत्वपूर्ण दिन होता है। आइये जानते है की परमा Ekadashi kab hai? परमा एकादशी 11 अगस्त को सुबह 5 बजकर 06 मिनट पर शुरु होगी। जबकि 12 अगस्त को 6 बजकर 31 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी। अतः आप इस अनुसार अपना व्रत रख सकते हैं।

 

एकादशी को किसकी होती हैं आराधना?

हिंदू धर्म के ज्ञानी और विद्वानों के अनुसार, एकादशी के दिन विष्णु भगवान की पूजा होती है, इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं और यह व्रत बहुत ही ज्यादा फलदाई व्रत भी माना जाता है, लेकिन यह भी कहा जाता है कि अगर आप एकादशी के दिन चावल खाते हैं तो आप पर से विष्णु भगवान की कृपा हट जाएगी। चाहे आप कितनी भी पूजा प्रार्थना कर ले आपको उनकी कृपा कभी प्राप्त नहीं होगी।

एकादशी को चावल क्यों नहीं खाने चाहिए ?

आप सब ने कई बार सुना होगा कि एकादशी के दिन चावल नहीं खाया जाता है | आपने कभी सोचा है, कि चावल खाने से मन करने का क्या कारण हो सकता है? आइये हम आपको बताते हैं की एकादशी को चावल क्यों नहीं खाना चाहिए,

एकादशी व्रत कथा

अगर आपको उत्तर जानना है तो उसके लिए आपको एक कथा को पढ़ना होगा, जिसको पढ़ने के बाद आपको ज्ञात होगा कि चावल को एकादशी के दिन क्यों नहीं खाया जाता है?

प्राचीन काल की बात है, एक महर्षि मेधा थे। वे यज्ञ, पूजा, आराधना द्वारा भक्ति मे समय बिताते थे। एक बार जब वे एक यज्ञ कर रहे थे, तभी एक भिखारी आ जाता है, उसे यज्ञ के समय आता देखकर ऋषि, उसका निरादर कर देते हैं। इस कारण मां दुर्गा उनसे अत्यंत ही दुखी हो जाती हैं, इसका ज्ञान होते ही ऋषि को अत्यंत दुख होता है, तथा माता को मनाने के लिए वह अपने देह का त्याग कर देते हैं। उनका शरीर धरती के अंदर समा जाता है।

मां दुर्गा अपने भक्त की इस प्रकार से की गई आराधना और त्याग को देखकर प्रसन्न हो जाती है और महर्षि को आशीर्वाद देती है कि, जो उनका शरीर धरती में विलीन हुआ है, वह अनाज स्वरूप उत्पन्न हो जाएगा । इस प्रकार महर्षि, जौ और चावल के रूप में उत्पन्न हो जाते हैं, यही कारण है कि हमारे ग्रंथों में चावल को जीव स्वरुप देखा जाता है।

अतः किसी भी प्रकार के जीव का सेवन करना एकादशी के दिन मना है इसी कारण लोग चावल खाने से मना करते हैं। माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन चावल या किसी अन्य प्रकार के मांसाहार का सेवन करता हैं तो अत्यंत दुख का भागी बनता हैं।।आपको विष्णु भगवान का आशीर्वाद चाहिए और किसी भी प्रकार की दुविधा जीवन में ना आए उसके लिए हो सके तो 1 दिन चावल नहीं खाना चाहिए।

Scientific View : क्या कहता है विज्ञान ?

कुछ लोग इसको वैज्ञानिक कारणों से भी देखते हैं उनका मानना है, की एकादशी के दिन ग्रहों की स्थिति इस तरह की होती है की शरीर को भोजन पचाने में दिक्कत होती है, इसलिए चावल नहीं खाने चाहिए क्योंकि चावल में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है, और कई लोगों को इस वजह से गैस की समस्या हो जाती है, इसके अलावा कुछ लोग यह भी मानते है की चावल में पानी अधिक होता है और हमारा शरीर भी 70% पानी से बना हुआ है और एकादशी के दिन चन्द्रमा आपके शरीर पर अधिक गुरुत्वाकर्षण डालता है, इसलिए अगर आप एकादशी को चावल खाते हैं, तो आपके मस्तिष्क और हृदय संबंधित रोग होने की संभावना हो जाती है ।

एकादशी का व्रत

एकादशी का व्रत अत्यंत ही लाभप्रद होता है यह हमारे धन धान्य को बढ़ाने के साथ साथ हमारे स्वास्थ्य लाभ में भी मदद करता है। अतः माह में एक बार एकादशी का व्रत तथा विष्णु जी की आराधना अवश्य करनी चाहिए।

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